इंडिया ने कोविड-19 वायरस की लड़ाई में गेमचेंजर दवा मानी जा रही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन यूएई भेजी तो उसने इंडिया की दिल खोलकर तारीफ की. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में ऐसे घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं, जिनसे इंडिया -यूएई के रिश्तों में मनमुटाव बढ़ता नजर आ रहा है. इंडिया में कोविड-19 वायरस की महामारी के दौरान कथित इस्लामोफोबिया को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में नाराजगी देखने को मिल रही है. यूएई में सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ इंडियन की नफरत फैलाने वाली पोस्ट को लेकर असहज स्थिति पैदा हो गई है. इसकी तीखी आलोचना की जा रही है. पूरे विवाद में मशहूर इंडियन सिंगर सोनू निगम भी घिर गए हैं. अभी वो दुबई में हैं और वो अपने पुराने ट्वीट को लेकर निशाने पर आ गए हैं. सोनू निगम ने कुछ साल पहले मुंबई में लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर आपत्ति जताई थी. दरअसल, मार्च महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में तब्लीगी जमात का एक कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग जांच में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट में पूरे मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार ठहराया जाने लगा. इसकी आलोचना करते हुए इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी बयान जारी किया था और कहा था कि इंडिया में ये चीजें रुकनी चाहिए. यही नहीं, तीन दिन पहले यूएई की राजकुमारी ने प्रवासी इंडियन को सख्त चेतावनी दे डाली. यूएई की राजकुमारी हेंद अल कासिमी ने एक इंडियन यूजर की मुस्लिम विरोधी पोस्ट के स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए लिखा, इस्लामोफोबिया और नस्लवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें यूएई से बाहर निकाल दिया जाएगा. इस चेतावनी के बाद इंडियन यूजर ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया. यूएई में बड़ी संख्या में इंडियन रहते हैं और इंडिया के साथ अच्छे संबंध भी हैं. यहां तक कि जब कश्मीर का इंडिया ने विशेष दर्जा खत्म किया था तो यूएई ने इस्लामिक देश होने के बावजूद कहा था कि यह इंडिया का आंतरिक मामला है. यूएई की राजकुमारी ने कहा कि यूएई का शाही परिवार इंडिया दोस्त जरूर है लेकिन इस तरह का रवैया स्वीकार्य नहीं है. यहां पर आने वाले हर शख्स को काम के बदले पैसे मिलते हैं, कोई भी मुफ्त में यहां नहीं आता है. इस देश की धरती से आप अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं, अगर आप इसी का मजाक उड़ाते हैं तो ये मत सोचिए कि किसी का ध्यान नहीं जाएगा.
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