तापमान 45 डिग्री तक जा पहुंचा है लेकिन ऐसे कोरोना योद्धा हैं जो रमजान के महीने में रोजे रखते हुए पूरी तरह अपने फर्ज को इबादत के साथ निभा रहे हैं। इरशाद वाली जैसे कोरोना वारियर्स भोपाल की चिलचिलाती 42 डिग्री की गर्मी में 18 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं. मेडिकल ऑफिसर ऐसी गर्मी में पीपीई किट पहनकर डोर टू डोर सर्वे कर रहे हैं।
ये कोरोना योद्धा सुबह से शाम तक फील्ड में उतरकर बिना कुछ खाए-पीए काम करते हैं और फिर शाम को घर जाकर रोजा इफ्तारी की तैयारी करते हैं। कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में कोरोना वारियर्स अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इस बीच, इस्लाम को मानने वाले 'कोरोना योद्धा' अभी दोहरा फर्ज निभा रहे हैं. पहला फर्ज अपने देश के प्रति और दूसरा फर्ज धर्म के प्रति।
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नाज़नीन खान मैडिकल ऑफिसर सी एच सी :-
"तेज धूप में परेशानी तो होती है लेकिन ड्यूटी सबसे ऊपर है । ऊपर से पीपीई किट भी पहननी पड़ती है। परेशानी तो बहुत होती है, लेकिन ड्यूटी सबसे ऊपर है । यही इच्छा है कि जल्द से जल्द सब ठीक हो जाए। रोजा रखकर इबादत भी कर रहे हैं। यह साल में एक बार आते हैं। इसे छोड़ भी नहीं सकते। यह किसी को नहीं पता कि अलगे साल नसीब होंगे या नहीं। रोज ड्यूटी से लौटते ही राेजा इफ्तार की तैयारी करते हैं।"
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मुश्ताक खान फर्मसिस्ट सी एच सी :-
" मेरा पहला फर्ज अपने देश के प्रति और दूसरा फर्ज धर्म के प्रति हैं , में खुशनसीब हूं कि इबादत के साथ लोगों की मदद करने का मौका भी मिला है। अल्लाताला से दुआ है कि सब जल्द ठीक हो जाए। लॉकडाउन खुले ताकि सभी काम पर लौट सकें। और सभी लोग से में अपिल कर्ता हू की आप सब लॉकडाउन का पालन करें मास्क पहने और स्वस्थ करें "
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मो. शाहिद खान सीनियर टी बी ट्रीटमेंट सुपरवाइजर :-
" हमारी टिम टी बी यूनिट में निरंतर सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 तक सेवा प्रदान कर रहे हैं साथ मे हमारी टीम द्वारा फील्ड विजिट देकर होम डिलीवरी डॉट्स की दवा मुलताई ब्लॉक के ग्रामीण अंचल में दि जा रहा है कोरोना में कंट्रोल रूम से प्राप्त मरीजों को घर पहुँच मेडिसिन सेवा प्रदान की जा रही हैं। मेरे लिए देश और ड्यूटी पहली प्राथमिकता है। मैं रोजा रखता हूं और शाम को रोजा इफ्तारी तक कुछ भी खाता पीता नहीं हूं। शाम मैं घर पहुंच कर ही नमाज के बाद परिवार के सदस्यों के साथ रोजा अफ्तारी करता हूँ ।"
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