नगरपालिका के अंतर्गत हो रहे भवन निर्माणों में गिरते जमीनी जल स्तर को रोकने के लिए बनाए जाने वाले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का पालन नही हो रहा है।परिणाम स्वरूप जमीन का जल स्तर हर साल दस फीट नीचे खिसक रहा है।गिरते जल स्तर को रोकने के लिए नगर के भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी किया गया है,लेकिन नगर में इसका पालन कराने में नपा अब तक कामयाब नहीं हो पाई।भवन निर्माण की अनुमति नपा इसी शर्त के साथ जारी करती है और करीब आठ हजार रुपया अमानत राशि जमा कराती है।लेकिन 99 फीसदी लोग इस राशि को वापस लेने ही नही आते।
अधिकारी हुए बेलगाम
नरसिंहपुर नगरपालिका के सीएमओ साहब से जब हमने इस सम्बंध में बात की तो उनका जबाब सुन हम भी दंग रह गए जनाब का कहना था कि जो लोग पालन नही कर रहे,उनकी लिस्ट उपलब्ध करा दीजिये।साहब ऐंसे जबाब दे रहे है जैंसे इनको कुछ पता ना हो,ऐंसे लापरवाह अधिकारियों के कारण ही पर्यावरण को नुकसान झेलना पड़ रहा है।कुछ शासकीय विभाग ऐंसे भी है जिनके भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है।इससे नगर का भूमिगत जल स्तर हर साल घट रहा है।जल संकट आम नागरिकों को समस्या बनता जा रहा है।पहले जहां खनन के दौरान 60 से 80 फिट तक उपयोगी जल मिल जाता था।अब 150 के आसपास मिल रहा है।
मकान निर्माण के लिए यह है नियम
शहरी क्षेत्र में शासन ने सन 2010 से यह नियम लागू किया है।140 वर्ग मीटर के नए भवन निर्माण की अनुमति इसी शर्त पर मिलेगी।भवन मालिक उसमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएगा।गारंटी के रूप में अमानत राशि जमा कराए।जो भवन मालिक सिस्टम लगा ले।उसे जांच के बाद नपा राशि वापिस करे।इस नियम के तहत नपा भवन निर्माण की अनुमति उसी स्थिति में जारी करती है जब आवेदक आठ हजार रुपया अमानत के रूप में जमा कराता है।यदि भवन मालिक जल संरक्षण का उपाय नहीं करता तो जमानत राशि से नपा भवन में जल संरक्षण व्यवस्था खुद कराएगी।
99% लोगों ने नहीं लगवाए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
सन् 2010 से अब तक नपा ने भवन निर्माण की आठ सौ से ज्यादा लोगों ने राशि जमा कराई है।सिर्फ सात फीसदी लोगों ने सिस्टम लगाए।जांच कराने के बाद अपनी जमा अमानत राशि वापिस ले गए।किंतु 99 फीसदी भवन मालिक अपनी जमा राशि वापस लेने नहीं आए।उन्होंने सिस्टम नहीं लगाए।न ही नपा ने उनको नोटिस जारी किए।
सीसी से आ रही समस्या
पिछले कई सालों से कम वर्षा की स्थिति बनी हुई है।इस साल भी सामान्य वर्षा की अब तक स्थिति बनती नजर नहीं आ रही।शहरी क्षेत्र में सीसी करण लगातार बढ़ रहा है।इसके चलते भूमिगत जल का स्तर लगातार घट रहा है।इससे कुए, नलकूप और ट्यूब बैल सूखते जा रहे हैं।पहले खनन के दौरान 60 से 80 फिट तक भूमिगत जल मिल जाता था।अब 150 फिट के आसपास मिल रहा है।जो गर्मियों के मौसम में कम नहीं पढ़ता।इससे कम खनन के सभी नल कूप और जल स्त्रोत सूख जाते हैं।
बारिश की स्थिति बेकार
भविष्य में बारिश की स्थिति को देखते हुए शासन ने यह योजना लागू की थी।जिससे जमीनी जल स्तर को घटने से रोका जा सके।लेकिन इस योजना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।इससे नगर में जमीनी जल संकट स्थाई रुप से हर साल पांच फीट नीचे जा रहा है।इस साल अन्य सालों की अपेक्षा गर्मी के दौरान तीन मीटर नीचे चला गया था।इस साल भी बारिश का आंकड़ा सामान्य तक नहीं पहुँचा तो नवंबर दिसंबर से जमीनी जल स्तर घटने लगेगा।
इनका कहना है :
(1). आप हमें लिस्ट उपलब्ध करवा दीजिये,हम देख लेते है, उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए अप्लाई किया है कि नही
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