सीआईआई यूटी काउंसिल, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारतीय उद्योग परिसंघ परिषद (सीआईआई यूटी काउंसिल, जे एंड के) के अध्यक्ष श्री सैयद एहसान जावेद ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से ही उन्होंने सतत विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाते हुए "केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को एक महत्वाकांक्षी गंतव्य बनाने और इसे निवेश, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्नत बुनियादी ढांचे के लिए एक आकांक्षी गंतव्य बनाने" के विषय को अपनाया है।
श्री जावेद ने कहा कि सीआईआई अब आगे बढ़ते हुए ऐसे क्षेत्रों में काम करना चाहेगा जहां इस केंद्र शासित प्रदेश के पास नीतिगत संवाद, क्षेत्रीय आयोजनों, व्यवसाय से व्यवसाय तक (बिजनेस टू बिजनेस - बी2बी) और व्यवसाय से सरकार (बिजनेस टू गवर्नमेन्ट - बी2जी) प्लेटफार्मों और निवेश बैठकों के माध्यम से बड़ी अप्रयुक्त क्षमता है। इसके लिए भारतीय उद्योग परिसंघ, जम्मू और कश्मीर सरकार के साथ काम करने के लिए विश्व भर में फैले अपने संसाधनों तथा विशाल नेटवर्क का लाभ उठाएगा।डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू- कश्मीर में कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के सफल उद्यमों के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद और परमाणु ऊर्जा विभाग के विभागों से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि अरोमा मिशन के अलावा, बायोटेक किसान हब ने सेब के बागों के कायाकल्प के अंतर्गत अब तक 40 बागों का कायाकल्प किया है और जिसके लिए पुराने तथा अनुत्पादक बागों को अधिक उत्पादक बागों में बदलने के लिए एक बहुत ही नवीन पद्धति का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके सफल होने के लिए युवाओं को सरकारी नौकरी की मानसिकता छोड़नी होगी।
सीआईआई यूटी काउंसिल, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारतीय उद्योग परिसंघ परिषद (सीआईआई यूटी काउंसिल, जे एंड के) के अध्यक्ष श्री सैयद एहसान जावेद ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से ही उन्होंने सतत विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाते हुए "केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को एक महत्वाकांक्षी गंतव्य बनाने और इसे निवेश, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्नत बुनियादी ढांचे के लिए एक आकांक्षी गंतव्य बनाने" के विषय को अपनाया है।
श्री जावेद ने कहा कि सीआईआई अब आगे बढ़ते हुए ऐसे क्षेत्रों में काम करना चाहेगा जहां इस केंद्र शासित प्रदेश के पास नीतिगत संवाद, क्षेत्रीय आयोजनों, व्यवसाय से व्यवसाय तक (बिजनेस टू बिजनेस - बी2बी) और व्यवसाय से सरकार (बिजनेस टू गवर्नमेन्ट - बी2जी) प्लेटफार्मों और निवेश बैठकों के माध्यम से बड़ी अप्रयुक्त क्षमता है। इसके लिए भारतीय उद्योग परिसंघ, जम्मू और कश्मीर सरकार के साथ काम करने के लिए विश्व भर में फैले अपने संसाधनों तथा विशाल नेटवर्क का लाभ उठाएगा।डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू- कश्मीर में कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के सफल उद्यमों के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद और परमाणु ऊर्जा विभाग के विभागों से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि अरोमा मिशन के अलावा, बायोटेक किसान हब ने सेब के बागों के कायाकल्प के अंतर्गत अब तक 40 बागों का कायाकल्प किया है और जिसके लिए पुराने तथा अनुत्पादक बागों को अधिक उत्पादक बागों में बदलने के लिए एक बहुत ही नवीन पद्धति का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके सफल होने के लिए युवाओं को सरकारी नौकरी की मानसिकता छोड़नी होगी।
सीआईआई यूटी काउंसिल, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारतीय उद्योग परिसंघ परिषद (सीआईआई यूटी काउंसिल, जे एंड के) के अध्यक्ष श्री सैयद एहसान जावेद ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से ही उन्होंने सतत विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाते हुए "केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को एक महत्वाकांक्षी गंतव्य बनाने और इसे निवेश, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्नत बुनियादी ढांचे के लिए एक आकांक्षी गंतव्य बनाने" के विषय को अपनाया है।
श्री जावेद ने कहा कि सीआईआई अब आगे बढ़ते हुए ऐसे क्षेत्रों में काम करना चाहेगा जहां इस केंद्र शासित प्रदेश के पास नीतिगत संवाद, क्षेत्रीय आयोजनों, व्यवसाय से व्यवसाय तक (बिजनेस टू बिजनेस - बी2बी) और व्यवसाय से सरकार (बिजनेस टू गवर्नमेन्ट - बी2जी) प्लेटफार्मों और निवेश बैठकों के माध्यम से बड़ी अप्रयुक्त क्षमता है। इसके लिए भारतीय उद्योग परिसंघ, जम्मू और कश्मीर सरकार के साथ काम करने के लिए विश्व भर में फैले अपने संसाधनों तथा विशाल नेटवर्क का लाभ उठाएगा।
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