*महाविद्यालय में नशीली दवाओं की लत और मादक द्रव्यों का सेवन विषय पर कार्यशाला का किया गया आयोजन* *नशा मुक्ति विषय पर विद्यार्थियों को दिया गया प्रशिक्षण* *जन-जन का एक ही नारा नशा मुक्त हो प्रदेश हमारा*







*नारायणपुर,:-*  शासकीय स्वामी आत्मानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणपुर और नेहरू युवा केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय में नशा मुक्ति भारत अभियान के तहत् एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के 50 छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और नशा मुक्ति के महत्व पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी अभिषेक आनंद के मार्गदर्शन एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. एस. आर. कुंजाम की अध्यक्षता में कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। डॉ. कुंजाम ने कहा कि किशोरों और युवाओं को नशे और अपराधिक प्रवृत्ति सें बचाने के लिए जरूरी है कि उनको बचपन से ही पर्याप्त समय, मार्गदर्शन और संस्कार दिए जाएं। बढ़ते बच्चों से लगातार बात की जाए ताकि वे अपने परिवार से हर बात को बताये व चर्चा करें और किसी गलत सलाह या संगत में न पड़ें। राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक प्रो. भगवान दास चांडक ने कहा कि अगर घर का कोई बच्चा किसी गलत संगत या बहकावे में आकर अगर नशे या अपराध की ओर बढ़े भी तो उसे पूरा परिवार सहायता करें और जरूरत पड़ने पर उनकी काउंसिलिंग की जाए और मनोवैज्ञानिक और डाक्टरों के माध्यम से इलाज भी कराया जाए। प्रोफेसर चांडक ने पीपीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को नशे के प्रकार, लत के कारण, निदान एवं नशा मुक्त जीवन जीने के लाभ पर 50 पंजीकृत छात्र-छात्राओं से चर्चा किया। नशा पान से होने वाले दुष्परिणामों के विषयों में प्रचार प्रसार सामग्री भी वितरण किया गया। कार्यशाला में विद्यार्थियों को नशा के दुष्परिणामों के विस्तृत रूप महाविद्यालय के व्याख्याता द्वारा जानकारी दी गई। श्री प्रफुल्ल गेडाम ने बताया कि घुमंतू बच्चों के लिए पुनर्वास केंद्र जरूरी है। नशे की लत के चलते चोरी, उठाई गीरी जैसे छोटे अपराध करते हुए बड़े अपराधों के जाल में आ जाते हैं। प्राणी शास्त्र विभाग से डॉ. लंकेश भैसारे ने बताया कि माँ को अपने गोद से ही बच्चे को सिखाना होगा। उन्हें भले-बुरे का ज्ञान होने पर वे किसी के बहकावे में नहीं आएंगे और नशे व अपराध की दुनिया से बच सकेंगे। सभी अपनी जिम्मेदारी समझें और मिलजुलकर साझा प्रयास करें। चर्चिका साहू ने कहा कि विद्यार्थी एक खाली कंटेनर है, हम जो सिखाएंगे वह सीखेगा। नशा मुक्ति के महत्व पर ग्रहण चर्चा एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन हुआ तथा वाद विवाद प्रतियोगिता में कु. कुसुम जायसवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, द्वितीय स्थान राजमन सलाम ने प्राप्त किया। अंत में नशा मुक्ति भारत अभियान की सामूहिक रूप से शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी एवं 50 छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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